Banking&Finance/L1/U1/S1/Introduction to Banking and Microfinance


               

          


 (बैंकिंग और माइक्रोफाइनेंस का परिचय )

Q.1. Bank का क्या अर्थ है ?

Ans. Bank एक ऐसी संस्था है कई प्रकार के वित्तीय कार्य करती है। बैंक का कार्य लोगों से जमा के रूप में उनकी बचत स्वीकार करना, मांगने पर राशि वापिस करना तथा आवश्यकता पढ़ने पर ऋण देना है। इसके अतिरिक्त बैंक ग्राहकों की जमा राशि का प्रयोग निवेश कार्यों के लिए भी करते हैं।

Q.2.  Banking का क्या अर्थ है ?

Ans.  Banking का तात्पर्य बैंकों द्वारा जनता से ऋण देने अथवा निवेश के उद्देश्य से जमा स्वीकार करना है तथा मांगने पर वापिस करना है।

Q.3.  भारत में बैंकिंग व्यवस्था कितने प्रकार की है?

Ans. हमारे देश में बैंकिंग संस्थाओं द्वारा विभिन्न प्रकार की सेवाएँ दी जाती हैं जिसके आधार पर बैंकिंग व्यवस्था को दो भागों में बांटा जा सकता है जो निम्न प्रकार से हैं -

                                                      बैंकिंग व्यवसाय 




1. Retail Banking(खुदरा बैंकिंग या फुटकर बैंकिंग):- फुटकर बैंकिंग से अभिप्राय एक-एक ग्राहक के साथ बैंकिंग संबंधी लेन-देन करना है। यह एक अत्यंत व्यापक क्रिया है, जिसमें बैंक एक साथ कई क्रियाएं करता है। उदाहरण के लिए बैंक लोगों की जमा स्वीकार करता है तथा दूसरी ओर लोगों को विभिन्न प्रकार के ऋण प्रदान करता है। फुटकर बैंकिंग में बैंकों की विभिन्न शाखाओं को व्यवस्थित किया जाता है तथा साथ ही साथ ग्राहक सेवा से संबंधित विभिन्न जगहों का निर्माण किया जाता है जैसे - ई गैलरी आदि

2. Wholesale Banking(कॉर्पोरेट या थोक बैंकिंग):- होलसेल बैंकिंग से तात्पर्य बड़े-बड़े व्यवसायों के साथ लेन-देन करने से है। इस प्रकार की बैंकिंग व्यवस्था पुराने समय से चली आ रही है। इसे व्यापारिक बैंकिंग के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार की व्यवस्था में जो मुख्य सेवाएँ दी जाती हैं, वे इस प्रकार हैं -
   
                     1. कार्यशील पूंजी के लिए ऋण प्रदान करना

                     2. दीर्घकालीन ऋण देना

                     3. बिलों को बेचान करने की सुविधा तथा 

                     4. लेटर ऑफ़ क्रेडिट आदि











These short notes are prepared by Dipika Mahesh Vocational Teacher Ambala Haryana

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