कुछ यूं बदल गई एक विद्यालय की तस्वीर/Dr. Pawan Gupta- A long Journey



Dr. Pawan Gupta
Principal GSSS Pinjore
Panchkula Haryana

नमस्कार पाठकों !
  आज स्मार्ट विद्यालयों के अंतर्गत हम आपसे रूबरू करवाने जा रहे हैं देश के हरियाणा राज्य में पंचकुला जिले में स्थित पिंजौर ब्लॉक में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पिंजौर से। इस विद्यालय में एक कर्मठ प्रधानाचार्य द्वारा इन दो वर्षों में विद्यालय की छवि को बिल्कुल ही परिवर्तित कर दिया गया  और आज यह विद्यालय इलाके के सभी निजी स्कूलों को हर एक गतिविधि में पछाड़ता हैचलिए बात करते हैं प्रधानाचार्य जी की। 

डॉ पवन गुप्ता जी जो कि कई वर्षों से शिक्षा विभाग हरियाणा में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं और इन्होने गणित में थापर यूनिवर्सिटी पटियाला से  पी .एच.डी भी किया हुआ है और 2008 से प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं 


आईये इस संघर्ष भरे प्रेरक सफर में आगे बढ़ते हैं और अनुभव करते हैं इस सफ़र को, जिससे सभी प्रेरणा पाकर अपने-अपने शिक्षा के क्षेत्र में और रचनात्मकता से आगे बढ़ सकें । 


GSSS PINJORE, BEO PINJORE


इनकी ये कहानी इन्हीं के शब्दों में पढ़ते हैं :-

"हरियाणा सरकार के आदेशानुसार मेरा स्थानान्तरण राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामपुर सरसेहड़ी जिला अम्बाला से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय  पिंजौर में दिनांक 16.05.2018 को हुआ। मैंने 17.05.2018 को इस विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया । जब मुझे पता चला कि मेरा तबादला पिंजौर में हुआ है, तब मुझे प्रसन्नता हुई कि पहाड़ों के सानिध्य में बसे इस कस्बे में और इतनी अच्छी संख्या वाले विद्यालय में मुझे कार्य का अवसर मिला है लेकिन पद ग्रहण करने के बाद जब मैंने पूरे विद्यालय का भ्रमण किया तो मुझे काफी अचरज एवं पीड़ा हुई कि इतने बड़े विद्यालय में सिस्टम अस्त-व्यस्त हुआ पड़ा है और यहाँ तक कि पीने के पानी का भी समुचित प्रबंध नहीं है और कुएं से ही सीधा पानी वाटर टैंक में जाता था जिससे लगभग 1400 बच्चों की  सेहत का प्रश्न उठ रहा था और इतने बड़े स्टाफ सदस्यों के होते हुए अब तक इसे प्रबंधित करने में क्या बाधाएं आई होंगी यह भी दूसरा प्रश्न मन-मस्तिष्क में घूम रहा था। 

इसके बाद आगे निरीक्षण करने पर पाया विद्यालय की सुरक्षा के नज़रिए से सबसे अहम बिंदु विद्यालय की चार दीवारी का भी अभाव था, जिस कारण से बच्चे साथ लगते फोरेस्ट के मैदान में खेलने के लिए इच्छानुसार चले जाते थे। उसी रास्ते से बच्चे इच्छानुसार विद्यालय से बाहर भी निकल जाया करते जो कि उनकी सुरक्षा की दृष्टि से अनुचित था और कल को प्रधानाचार्य और स्टाफ सदस्यों के लिए एक बहुत बड़ी जवाबदेही का कारण बन सकता था।   

स्कूल के साथ लगते ही पुलिस स्टेशन ने विद्यालय के साथ में ही अपना dumping स्टोर बनाया हुआ था। जिसमें लगभग 50 गाड़ियाँ  स्टोर करने का स्टोर बना हुआ था। स्कूल का सारा आंगन कच्चा होने के कारण और खेल का मैदान भी कच्चा होने के कारण पूरा दिन धूल मिट्टी से बच्चों के कपड़ों एवं स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा था। यह सब दृश्य देखने के बाद दो ही विकल्प थे या तो चुप-चाप यही दृश्य अनदेखा कर कुछ समय गुज़ार कर अगली ड्राइव में यहाँ से अगले स्टेशन की ओर प्रस्थान करूँ या फिर एक रणनीति बना कर इस सारे उलझे माहौल का एक सिस्टम पूरी सूझ-बूझ से तैयार करूं जिससे भले ही विरोध और विवाद का सामना क्यों न करना पड़े।   


अब बात यह थी कि शुरुआत किस सिरे से की जाए ? तो सबसे पहले बच्चों के लिए पीने के पानी का समुचित प्रबंध करने का सोचा और उसके लिए प्रयास किया। इसके लिए मुझे तत्कालीन उप जिला शिक्षा अधिकारी जी ने Inner Wheel Club के मुख्य सदस्य से मिलवाया जिनके बहुत ही शुक्रगुज़ार हैं क्योंकि उन्होंने बच्चों के हित को देखते हुए 40000/- की राशि देने का आश्वासन दिया। हमने चण्डीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेस  II से 300 लिटर का water cooler खरीदते ही ग्रीष्मकालीन अवकाश के खुलते ही इसे इनस्टॉल करवा दिया।  इसके साथ-साथ water purifier लगाना भी जरूरी था तो उसी दौरान विद्यालय से रिटायर हो रही एक अध्यापिका ने double water purifier दान देने का प्रस्ताव रख दिया जिससे बच्चों को अब स्वच्छ एवं शीतल जल का लाभ मिलने लग गया। आज विद्यालय में बच्चों के लिए  300 लिटर के तीन वाटर कूलर water purifier के साथ चल रहे हैं। इससे अगले कार्यों के लिए मेरा मनोबल और बढ़ता चला गया, क्योंकि सफ़र अभी लम्बा जो था

उसी दौरान विद्यालय में सामाजिक कार्यों के प्रोत्साहन हेतु दिनांक 18.08.2018 को एक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें 55 यूनिट तक रक्त को एकत्रित किया गया जो कि बेहद ही पुनीत कार्य था


अगला मिशन विद्यालय की चार दीवारी का था। उसके लिए Forest Department से आपसी बात-चीत करके उनसे सहमति ली तो बच्चों के हित के लिए उन्होंने चार दीवारी पर अपनी सहमति दे दी।  फिर इसके लिए शिक्षा विभाग से दो लाख दस हज़ार रूपये की ग्रांट को सैंक्शन करवाया। इसके तहत विद्यार्थियों के अनावश्यक रूप से कक्षाओं से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई

इसके बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों से बातचीत करके स्कूल से पुरानी गाड़ियों को उठवा दिया गया तथा इसी के साथ-साथ विद्यालय की पिछली तरफ से गेट बनवा कर  पिंजौर के मुख्य चौंक तक का रास्ता बनवा दिया जोकि आज की तारीख में पक्का भी करवाना है जिसके लिए प्रयास जारी है क्योंकि  उस समय का  रास्ता बेहद ही तंग गली में था जिससे बच्चों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता था और अब यह बड़े गेट का रास्ता खुला होने के साथ-साथ सीधा मुख्य चौराहे को भी जाता है

इसके बाद स्कूल के मैदान को पक्का करवाने की बात थी तो विभाग ने 18 लाख 20 हज़ार की राशि स्वीकृत कर दी जिससे इंटरलॉकिंग टाइल के द्वारा मैदान को पक्का कर दिया गया जिससे जहाँ एक ओर विद्यार्थियों का स्वास्थ्य  धूल-मिट्टी से सुरक्षित हुआ वहीं दूसरी तरफ  विद्यालय के रूप में भी निखार आ गया। 

विद्यालय में water supply और सीवरेज  का कनेक्शन भी नहीं था, अब हमने दो water supply कनेक्शन की और दो सीवरेज  कनेक्शन की फीस जमा करवाकर अनुमति ले ली है परन्तु कोरोना की वजह से अभी कार्य में विराम है जो लॉकडाउन खुलते ही शीघ्र प्रारम्भ कर दिया जाएगा। 

बच्चों की संख्या के अनुसार कक्षाकक्ष काफी कम पड़ रहे थे, जिसके लिए विभाग को बार-बार लिखा गया जो कि वास्तव में ही काफी मुश्किल कार्य था लेकिन असम्भव नहीं न । आख़िरकार विभाग ने इसी वर्ष एक करोड़ 84 लाख की राशि की स्वीकृति दे दी है जिस राशि से 15 आधुनिक कक्षा कक्ष का निर्माण होगा जिसे लॉकडाउन के बाद तेज़ी से पूर्ण करवा दिया जाएगा। 

इसके अतिरिक्त एक प्राइमरी विंग की मिड डे मील की वर्कर ने विद्यालय के दो कमरों पर अपने व्यक्तिगत प्रयोग के लिए अवैध रूप से कब्जा किया हुआ था जो कि पिछले 10 वर्षों से था। स्कूल स्टाफ सदस्यों की मदद से उस अवैध कब्जे को भी छुड़वा लिया गया।  

विद्यालय में चल रही NCC की यूनिट के अधिकारी (ANO) के लिए कोई स्थान नहीं था जो कि अत्यावश्यक होता है। उसके लिए NCC रूम का निर्माण करवा कर उसके बारे NCC UNIT को भी लिखाऔर इसके साथ NSS की यूनिट भी काफी समय से बंद पड़ी थी उसे प्रारम्भ  करवा कर NSS के लिए भी अलग रूम का प्रबंध कर दिया गया

इसके अतिरिक्त विद्यालय के पूरे प्रांगण एवं सभी दीवारों को स्मार्ट बनाने के लिए BALA (Builiding As Learning Aids) के तहत तीन लाख की राशि से शैक्षणिक रेल एवं अन्य शैक्षणिक चित्रकारियों द्वारा विद्यालय के हर कोने में विद्यार्थियों को स्वच्छ एवं शैक्षणिक माहौल देने का सपना वास्तविक कर दिखाया। इसी के साथ-साथ सभी भीतर एवं बाहर की दीवारों पर रंग-रोगन एवं सफेदी का अच्छी गुणवत्ता को ध्यान में रखकर स्कूल को एक आकर्षक रूप प्रदान किया

परीक्षा परिणामों को भी सुधारने के लिए एवं सक्षम में भी विशेष रणनीति से विद्यालय के बच्चों को तैयार किया जिससे परीक्षा परिणाम के स्तर में काफी वृद्धि हुई। 

खेलों के क्षेत्र में भी विद्यालय को आगे लाने में हर सम्भव प्रयास किया और जानकारी के लिए बता दें कि सत्र 2019-20 में  खेलो इंडिया के अंतर्गत विद्यालय के एक छात्र ने सिल्वर मैडल प्राप्त किया। 

विद्यालय में चल रही NCC यूनिट के कैडेट भी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने राज्य स्तरीय Red Cross St. John Ambulance में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया। 

विद्यालय में लम्बित पड़ी लाइब्रेरी का कार्य भी पूरा करवाया गया और इसके साथ-साथ विज्ञान लैब का निर्माण भी करवाया गया । 

अब दिनांक 29.03.2020 से COVID-19 के अंतर्गत जिला पंचकुला में चल रहे लगभग 13 Shelter Home की देख-रेख के लिए जिला शिक्षा अधिकारी पंचकुला द्वारा  Nodal Oficer के रूप में कार्य करने का पुनीत अवसर मिला। इसके चलते ही दिनांक 31.03.2020 को पिंजौर ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी महोदय के सेवानिवृत होने पर दिनांक 06.04.2020 को कार्यवाहक  खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया । "

तो ये था सफ़र डॉ पवन गुप्ता जी के पिछले दो वर्षों के कार्यकाल से आज तक का,

डॉ पवन गुप्ता जी के शब्दों में -"इतना लम्बा और कठिन सफ़र तय कर पाना शायद मेरे अकेले के लिए सम्भव नहीं था इसके लिए मुख्य रूप से उच्च अधिकारियों का हर पग पर मार्गदर्शन एवं अपने स्टाफ सदस्यों के हर पग पर अतुलनीय सहयोग के द्वारा ही यह सम्भव हो पाया है। इसके लिए आदरणीय उच्च अधिकारियों का एवं अपने स्टाफ सदस्यों का हृदय तल से आभारी हूँ और आशा करता हूँ आगे के सफ़र में भी उनका इसी प्रकार योगदान मिलता रहेगा और सभी इस प्रकार स्नेह बनाएं रखेंगे।"

अब आप ऐसे विद्यालय को देखना चाहते होंगे हमने आपकी इस लेख की रूचि भंग न हो इसीलिए आपको झलकियाँ अंत में दिखा रहे हैं जिससे आप इस प्रेरक लेख को पूरा पढ़ सकें। 


आईये इस स्मार्ट विद्यालय की कुछ झलकियों पर प्रकाश डालते हैं -




विद्यालय का मुख्य प्रांगण 













वाटर कूलर की उपलब्धि की स्मृति 





विद्यालय का प्रतिभा मंच -




विद्यालय की अन्य गतिविधियाँ 



पौधगिरी की अच्छी पहल क्षेत्र की विधायिका द्वारा 




विद्यालय में हाल ही बना पीछे की ओर बना नवनिर्मित द्वार का दृश्य 



विद्यालय में बनाई गयी एक भव्य शैक्षणिक रेल जो सभी दीवारों पर रूचि के साथ संदेश देती हुई  



स्मार्ट स्टडी के लिए विद्यालय में टच स्क्रीन के साथ स्मार्ट क्लास रूम






यदि आप भी इनसे शिक्षा क्षेत्र से कोई मार्गदर्शन लेना चाहें तो  निसंकोच ले सकते हैं, आप हमें कमेंट में बताएं हम आपका इनसे सम्पर्क साधने में सहायता करेंगे। 


आप कहीं भी शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे है चाहे किसी भी रूप में अपना बेहतर से बेहतर देने का यत्न करें और रात को सोने से पूर्व निरीक्षण करें कि सबसे पहले क्या मैंने अपनी ड्यूटी आज अच्छे से की और उसके बाद दूसरा क्या मैंने आज अपनी ड्यूटी के अतिरिक्त कोई एक नया कार्य शैक्षणिक कल्याण के लिए किया। ये दो निरीक्षण आपकी सन्तुष्टि की निद्रा में सहायता करेंगे।


Post a Comment

4 Comments

  1. Very appreciabapp sir
    BY GMS PREMPURA

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सराहनीय प्रयास है आपके सर हमें गर्व है आप पर

    ReplyDelete