Automobile L4U3-Part-02 /Suspension System



 

Q10. What do you mean by torsion bar spring ? What are its main characterstics.(टोर्सन बार स्प्रिंग से आप क्या समझते है? इसके मुख्य विशेषताएं क्या हैं?)

Ans. A torsion bar spring is steel rod which is made of spring steel. This spring uses its torsional elasticity to resist twisting. One end of torsion bar is supported to frame or other member of the body and the other end to suspension arm. This arm is subjected to torsional load. (टोर्सन बार स्प्रिंग एक स्टील की रोड है जो की स्प्रिंग स्टील कीबनी होती है! यह स्प्रिंग टोरस्नल इलास्टिसिटी (मरोड़ मे लचीलापन का) का प्रयोग करके ट्विस्टिंग (घुमाने) को रोकती है!)

(टोर्सन बार का एक सिरा फ्रेम या बॉडी के अन्य मेम्बरों से जुदा होता है ! दूसरा सिरा सस्पेंसन अर्भ से जुदा होता है !  यहा अर्भ (भुजा) टोरस्नल लोड से सीधा संपर्क मे होता है )

Characteristics : (i) Energy absorption rate per unit weight is great as compared to other springs the suspension can be lightened.

(ii) The layout of the suspension system is simplified.

(iii) Jorsim bar springs do not control oscillations when used with coil springs hence it is necessary to use shock absorber along with them.

 

विशेषताएं: (i) प्रति  इकाई भार के अनुसार उर्जा अवशोषण की दर अन्य स्प्रिंग की तुलना मे अधिक होती है जिससे  सस्पेंसन हलकी हो सकती है

 

(ii) सस्पेंसन सिस्टम का लेआउट (नक्सा ) साधारण होता है

 

(iii) टोर्सन बार स्प्रिंग उचल कूद को काव्याल स्प्रिंग के साथ प्रयोग होने से काबू नहीं कर पाते ! इसलिए यह जरुरी  हो की उनके साथ शॉक एब्सोर्बे प्रयोग किया जाए

 

Q11. What is shock absorber? What are its main types?                                  (शॉक अब्सॉर्बर(अवशोषक) क्या है? इसके मुख्य प्रकार क्या हैं ?)

 

Ans. This is device used for dampening the oscillations. Of coil springs quickly. These are used in conjunction with springs and in particular with coil springs.

 

These are mainly of two types                                                      (i)Mechanical shock absorbers.

(ii)Hydraulic shock absorbers.

 

यह एक ऐसी  डीवइस है जो क्वायल स्प्रिंग की उछल कूद को तेजी से सोखने के लिए प्रयोग की जाती है इनका प्रयोग स्प्रिंग के साथ और विशेष  तोर पर काव्याल स्प्रिंग के साथ ही प्रयोग किया जाता है ! 

 

ये मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं                                                                  (i) मैकेनिकल  शोक अब्सोर्बर

(ii)हाइड्रोलिक शॉक अब्सोर्बर

 

Q12. Tell about mechanical shock absorber and hrdroulic shock absorber brieifly.(मैकेनिकल शॉक एब्जॉर्बर और हाइड्रोलिक शॉक एब्जॉर्बर के बारे में संक्षेप में बताएं)

 

Ans. Mechanical shock absorber.

 

  • It consists of two links which are connected with each other by means of a pin. One link is connected to the frame the other link is fixed with axle also a number of fiction discs of different are placed in between the links. These fictional discs control the spring action due to their frictional effect and absurb road shocks. This system is not in use now a days because it have non predictable damping characterstics. (इसमे दो लिंक होते है जो की एक पिन की मदद से एक दुसरे से जुड़े होते है ! एक लिंक फ्रेम से जुदा होता जबकि दूसरा लिंक एक्सेल पर फिक्स होता है इन लिंक के बिच मे विभिनन धातुओ की फ्रिकुएंस डिस्क की होती है यहा अपने घर्षण के प्रभाव के कारन स्प्रिंग कराया को नियंत्रित (कण्ट्रोल) करती है और सड़क को झटको को सोखती है ! यहा सिस्टम आजकल प्रयोग मे नहीं है क्योकि इससे बिना अन्नुभाव की ड्राइविंग करने की विशेषता है!
  •  Hydraulic shock absorbers :- This type of absorber uses a fluid which is passed through an orifice. This orifice resists the movement of fluid.

 

The hydraulic shock absorber are of following three types :-

(i)  Telescopic shock absorber

(ii) Cam actuated kistum type shock absorber

(iii)      Rotary vane type shock absorber

 

Telescopic shock absorber is generally used in automobile suspension system 

 

हाइड्रोलिक शॉक अब्सॉर्बर के तीन प्रकार है :-

 

(i) टेलीस्कोपिक शॉक अब्सॉर्बर 

(ii)कैमद्वारा चलित पिस्टन टाइप शोक अब्सॉर्बर

(iii)रोटरी वेन टाइप शॉक अब्सॉर्बर

 

इनमे से टेलिस्कोपिक शॉक अब्सॉर्बर का सामान्य तौर पर ऑटोमोबाईल सस्पेंशन सिस्टम मे  प्रयोग होता है !

 

Q13 Describe about macpherson strut suspension briefly and tell about its thre advantages

(मैक्फर्सन स्टर्ट सस्पेंशन सिस्टम के बारे (संषेप) वर्ण करे और इसके तीन फायदे बताओ !)

 

Ans. It was developed by an American engineer Earle S. Macpherson now a days it is the most popular independent front wheel suspension used on all passenger can. In this arrangement a shock absorber with coil spring on struts is used which is mounted steerny knuckle. The upper control arm is absent and tower control arm is connected with transverse member of frame. (इसे अमेरिकन इंजीनियर  अर्ल एस मैपरसनं द्वारा विकिसित किया गया आजकल सभी करो मे प्रयोग  होने  वाला यह प्रसिद्ध अलए  पहियों का स्वतंत्र्र  सस्पेन्शन है ! इस प्रबंध मई स्टर्ट  पर एक शॉक अब्सॉर्बर क़वायल स्प्रिंग के साथ प्रयोग होता है जो स्टेरिंग नक़ल पर फिट किया होता है ! ऊपरी कण्ट्रोल आर्म अनुपस्थित रहता है और निचले कण्ट्रोल आर्म फ्रेम के ट्रांस्वर्स मेंबर के साथ जुडी होती है !)

 

Advantage :- (i) Due to absence of upper control arm it provides maximum room in engin compartment.

(ii) It is simple in constrction and light in weight

(iii)It has low mtial cost and maintainence.

 

लाभ :- (i) ऊपरी कण्ट्रोल एआरएम के न होने से यह इंजन के लिया अधिकतर स्थान उपलब्ध करता है !

(ii) यह बनावट मे साधारण है और भर मे हल्का है !

(iii) इसमें सुरुवात कीमत एव रखरखाव काम होता है !

 

Q14. Define the term camber and nip.( केम्बर और  निप समझाए )

 

Ans. Camber :- The over all structure of the leaf spring is called camber (लीफ स्प्रिंग की पूरी व्याकृति को कैम्बर कहते है !)

 

 Nip : The curvature of each leaf is called nip (प्रत्येक लीफ की व्याकरति को निप कहते है !)

 

 

Q15. What is pitching, rolling, bouncing and  dive ?( पिचिंग, रोलिंग, बाउंसिंग और डइव को क्या कहते है ?)

 

Ans. Pitching :- Pitching is defined as up or down movement of the car, at front and rear, in relation to its center of gravity. (पिचिंग कार के गुरुत्व केंद्र के सम्बन्ध मे सामने और पीछे की तरफ से ऊपर निचे के दोलन को कहते है !)

 

Rolling :- Rolling happens when we turn into a corner. As our can beings to turn, its weight is thrown to that direction.( रोलिंग तब होती है जब हम किसी कोने को मुड़ते  है  जैसा  ही हमारी कार मुड़ने लगती है, इसका भार कोने के दूसरी तरफ जाता है जिससे  हमारी कार उसी दिशा में रोल करने लगती  है !)

 

Bouncing :- Bouncing is the up and down movement of the auto body as  whole.( पूरी बॉडी की एक साथ ऊपर और निचे की गति करने को बाउंसिंग कहते है) when a car is running in high speed on undulating surface, bouncing is likely to ocem.( जब एक कर अत्यधिक तेज गति से लगातार ताल पर भगति है थो बाउंसिंग पैदा  होती है!)

 

Dive :- During braking, lowering of front end of the vechicle along with a raising of the rear is called dive. (ब्रैकिंग के दौरान, कहन की सामने की तरफ से ऊपर को उठना  डाइव कहलाता है !)


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