Ques1. What is transmission
system ? What are its components? (ट्रांसमिशन सिस्टम क्या है ? इसके भाग क्या हैं ?)
Ans. The
system which is used to transmit engine power to road wheels.
(इस सिस्टम का प्रयोग इंजन की पावर को सड़क पर पहियों तक ट्रांसमिट (पहुंचाने) करने के लिया किया जाता है। )
It
has major three components :- clutch assembly, propeller
shaft assembly and gear box assembly.( इसके तीन मुख्य भाग होते हैं :- क्लच असेंबली, प्रोपेलर शाफ़्ट असेंबली और गियर बॉक्स असेंबली ।)
Ques2.
What is the difference betweeen automatic transmission and manual transmission
?( आटोमेटिक ट्रांसमिशन एवं मैनुअल ट्रांसमिशन मे क्या अंतर है ?)
Ans. (i) In
an automatic transmission car decides when to shift gear as per requirement
automatically. But in manual transmission driver is responsible for this task
by clutch and accelerator.
(ii) The fuel
economy is better with manual transmission because in automatic transmission energy is consumed by engine to work itself in shifting gears.
(iii) Manual transmission is simpler in construction them automatic transmission so it is
easy to repair
(i) ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में कार तय करती है, ऑटोमेटिकली कब गियर शिफ्ट किया जाए लेकिन मैनुअल ट्रांस्मिशन में इस कार्य के लिया क्लच एव एक्सीलेटर का प्रयोग करते हुआ ड्राइवर से जिम्मेदार है।
(ii) फ्यूल की इकॉनमी मैनुअल ट्रांसमिशन में बेहतर होती है क्योकि आटोमेटिक ट्रांस्मिशन मे गियर को में इंजिन के द्वारा ऊर्जा खर्च होती है।
(iii) मैनुअल ट्रांस्मिशन बनावट मे आटोमेटिक ट्रांस्मिशन से बनावट मे साधारण है इसलिए यह रिपेयर मे आसान है।
Ques3.
What is propeller shaft ? What are its main components of those assembly? (प्रोपेलर शाफ़्ट है ? इस असेंबली के मुख्य भाग क्या हैं ?)
Ans. Propeller shaft is normally made by seamless steel which is dynamically balanced it is used in four wheel drive and rear wheel drive vehicles. It is used to transmit engine drive to axles.
It
has mainly three components :-
(i)
Universal Joint :- It is used to form
a mechanical connection between two shafts and allows angular movement of one
or both shafts. This is required because the rear end if propeller shaft
constantly rises and falls due to up and down flexing of the rear springs.
(ii)
Slip Joint (sliding Joint ) :- This
is used at one end of propeller shaft which allows it to lengthen or shorten.
It permits the effective length of the propeller shafts to change due to up and
down movement of the wheels.
(iii)
Centre Bearing :- Vehicle having long
wheel base have propeller shaft in two sections. These are supported by
intermediate bearing fitted in a cross member of chassis frame.
प्रोपेलर शाफ़्ट सामान्य रूप से सीमलेस (बेजोड़ ) स्टील की बनी होती है जो की गतिक रूप से संतुलन होती है। यह चार पहिया ड्राइव एव पिछले पहिये से डाइव लेने वाले वाहनों मे प्रयोग की जाती है । इसका प्रयोग इंजिन की ड्राइव को एक्सलेरेटर तक ट्रांसमिट करने के लिया करते हैं।
इसके मुख्य रूप से तीन भाग हैं:-
(i) यूनिवर्सल जॉइंट :- इसका प्रयोग दो शाफ़्ट मे मैकेनिकल सम्बन्ध जोड़ने के लिए करताहै ! और यह एक या दोनों शाफ़्ट में कोणीय गति उपलब्ध करते है। इसकी जरुरत इसलिए है क्योंकि प्रोपेलर शाफ़्ट का पिछला सिरा लगातार पिछले स्प्रिंग की लचक के कारन ऊपर निचे होता है ।
(ii) स्लिप जॉइंट (स्लाइडिंग जॉइंट ) :- इसका प्रयोग प्रोपेलर शाफ़्ट के एक सिरा पर है जो की पहिये के ऊपर एव नीचे की गति के कारण परिवर्तन करता है
(iii) सेंटर बेयरिंग :- लम्बे पहिए बेस वाले वाहनों मे प्रोपेलर शाफ़्ट दो सेक्शन (हिस्से) में होती है ये चेसी फ्रेम के ममेम्बर मे सेन्टर बेयरिंग द्वारा सपोर्ट किया होता है !
Ques4.
What is final drive ? What are its main purposes?( फाइनल ड्राइव क्या है ? इसके मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?)
Ans. It is
defined as the last stage of power transfer from the engine to wheels. (इसे इंजन से पहिये तक पावर ट्रांसमिट की अंतिम स्टेज के रूप मे परिभाषित किया जाता है । )
It has two
main purposes : (i) To provide the permanent speed reduction (गति में स्थाई घटाव उपलब्ध करवाना )
(ii) Turn the
drive through 90degree where in line
engine is employed. (जहा पर इन लाइन इंजन प्रयोग है वह पर ड्राइव को 90डिग्री तक पहुँचाना !)
Q.5.
What are the main types of final drive ? Explian briefly .
Ans. Chain Type : Now a days, this type of system is obsolete in cars and trucks. In this type, the drive wheel is connected with gear box by means of chain and sprockets. This is employed in motorcycles.
(चैन टाइप : आजकल इस प्रकार का सिस्टम कारों एव ट्रकों में प्रचलन से बाहर हो गया है। इस प्रकार में ड्राइव व्हील गियर बॉक्स में से चेन एव सप्रोकट की सहायता से जुड़े होते हैं। यह मोटरसाइकिल में प्रयोग होता है ।)
Gear Type : This type of drive consists of a ring gear and a drive pinion, Ring gear is fixed with differential cage and drive pinion is connected shaft is transmitted to axle shafts through drive pinion and ring gear.
(गियर टाइप : इस प्रकार की ड्राइव मे एक रिंग गियर और एक ड्राइव पिनियन होता है , रिंग गियर डिफरेंशीयल केज से एव ड्राइव पिंनियन प्रोपेलर शाफ्ट से जुड़ा होता है ! प्रोपेलर शाफ़्ट पिनियन और रिंग गियर द्वारा एक्सल शाफ़्ट को ट्रांसमिट होती है !)
Ques6.
Name the types of gear type final drive?( गियर टाइप फाइनल ड्राइव के प्रकारो के नाम बताइए !)
Ans. (i) Worm and wheel type (वर्म एव व्हील टाइप ) (ii) Straight bevel gear (स्ट्रैट बेवल गियर )
(iii) Spiral bevel gear (स्पाइरल बेवल गियर ) (iv) Hypoid gear (हाईपोड गियर )
Ques7.
What are the main functions of universal joints ? Also classify them. (यूनिवर्सल जॉइंट के मुख्य कार्य क्या हैं ? उन्हें वर्गीकृत भी करें । )
Ans. (i) It transmit power at various angles.(यह विभिन्न कोणों तक पावर को ट्रांसमिट करता है । )
(ii) It allow rear axle assembly to
twist due to the driving and braking torque application. (यह ब्रैकिंग एव ड्राइविंग अनुप्रयोग के अनुसार पिछली एक्सल असेम्ब्ली को ट्विस्ट करता है। )
Types of universal joint : (i) constant velocity joint (स्थिर विलोसिटी ज्वाइंट ) (ii) Rzeppa joint (रज़ेप्पा ज्वाइंट) (iii) Variable velocity joint (वेरिएबल विलोसिटी ज्वाइंट) (iv) Tripod joint ( ट्रीपोड ज्वाइंट)
(v) cross or spider joint (क्रोस और स्पाइडर ज्वाइंट)
(vi) flexible ring type(फ्लेक्सिबल रिंग टाइप)
Ques8.
What is rear axle? Tell about its four main functions. (रियर एक्सल क्या है ? इसके चार मुख्य कार्य बताएं। )
Ans. Rear axle is intermediate shaft used to support or rotate rear wheels. (i) They support the weight of vehicle.
(ii) They drive the rear wheel by final drive (iii) They rotate the power flow at final drive by 90 degree (iv) Rear axle casing offer space for filling the lubricant for all final drive component.
(रियर एक्सल एक माध्यमिक शाफ्ट है जो पिछले पहिये को आधार प्रदान करने का एवं घूमने का कार्य करती है।) (i) ये वाहन के भर को सपोर्ट करते हैं। (ii) ये फाइनल ड्राइव के द्वारा पिछले पहियो को ड्राइव देते हैं। (iii) ये पावर फ्लो को फाइनल ड्राइव पर 90 डिग्री पर पहुंचाते हैं । (iv) रियर एक्सल की केसिंग सभी फाइनल ड्राइव भाग के लिए लुब्रीकेंट भरने के लिए स्थान उपलब्ध करती है। )
Q.9.
What are the main components of rear axle assembly ? (पिछले एक्सल असेंबली के मुख्य भाग क्या हैं ?)
Ans. (i) Axle housing or casing (एक्सल हाउसिंग और केयरिंग (ii) Final drive(फाइनल ड्राइव) (iii) Differential unit (डिफरेंशियल यूनिट) (iv) Half shaft to each road wheel(प्रत्येक रोड व्हील पर हाफ शाफ़्ट)
(v) Support bearing (सपोर्ट बेयरिंग) (vi) Two hub assemblies (दो हब असेंबली)
Ques10.
What are the types of rear live axle ?( पिछले लाइव एक्सल के प्रकार)
Ans. (i) Semi floating type (सेमी फ्लोटिंग टाइप) (ii) Three quarter floating (थ्री क्वाटर फ्लोटिंग)
(iii) full floating type (फुल फ्लोटिंग टाइप)
Ques11.
What is differential ? Where it is used ? (डिफरेंशियल क्या है ?इसका प्रयोग कहा होता है ?)
Ans.
Differential is a device which is used for increasing the speed of outer wheel
and decreasing the speed of inner wheel while taking a turn.
(डिफ़रेन्शियल एक ऐसी डिवाइस है जिसका प्रयोग मोड लेते समय बाहरी पहिये की स्पीड बढ़ाने के लिए एवं आंतरिक पहिये की स्पीड घटाने के लिए करते हैं ।)
Coming Sooon......
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