Unit -1 RETAIL STORE OPERATIONS
Retail Operations क्या है?
Store
को चालू रखने के लिए Retail Operations व्यक्ति (यों) के कार्यों का उल्लेख करता है।
यह सभी प्रकार के स्टोरों (Small and Big Stores) में Retail Sales People और
Managers को शामिल करता हैं|
Retail Operations में कौन से कार्य शामिल
हैं?
Retail Operations में निम्नलिखित कार्यों को शामिल किया
जाता है:- जैसे Cash Handling, Safety and Security, Customer Service, Store
Layout, Supply Chain, Refunds and Returns, Visual Merchandising, Physical
Inventory, Master Data Management, Promotion और Pricing को शामिल करता हैं,
Session 1
Fundamentals of Retail Operations
रिटेल की उत्तपति पुराने फ्रेंच शब्द टेलर से
हुई है (आधुनिक आजकल में इसकी तुलना आधुनिक
शब्द रिटेलर से की जाती है) टेलरिंग के संदर्भ में जिसका अर्थ है " Cut off (कट ऑफ), Clip (क्लिप), Pare (पेयर),
Divide ( डिवाइड)"।
What is Retailing?
रिटेलिंग एक डिस्ट्रब्यूशन चैनल होता है जो
वस्तुओं को निर्माताओं से खरीदकर अथवा स्वयं वस्तुओ का निर्माण कर के उनको सीधे उपभोक्ताओं
को बेचता है।
What is Retailor?
रिटेलर एक Reseller (पुनर्विक्रेता) होता है
(अर्थात वस्तुओ को एक पार्टी से खरीदकर दूसरी पार्टी को बेच देता है) जिससे(Retailor)
उपभोक्ता वस्तुओं को खरीदते है।
What is Retail?
वस्तुओं और सेवाओं को व्यक्तियों अथवा व्यवसायों
से अंतिम उपयोगकर्ता को बेचना रिटेल कहलाता है।
Importance of Retailing:-
- प्रत्येक के जीवन में रिटेलिंग बहुत महत्वपूर्ण होती क्योकि जो
वस्तुएं हमारी रोजमर्रा की जरूरतो को पूरा करती है उन वस्तुओं तक रिटेलिंग के बिना नहीं पहुंचा
जा सकता।
- यदि हम वे वस्तुएं तुरंत खरीद नहीं पाते जिनकी हमे तुरंत आवश्यकता
होती है तो हमारा जीवन बहुत ही अलग होगा।
इसलिए रिटेलिंग की सहायता से हम ऐसी वस्तुओं को जरूरत के समय तुरंत खरीद सकते
है।
- रिटेल ने हमारा जीवन और जीने के तरिके को बदल दिया है। आंशिक रूप
से रिटेल के कारण हम अत्यंत भौतिकवादी समाज का हिस्सा है।
- निर्माता ‘विज्ञापन केवल रिटेलर के द्वारा ही किया जाता है।
- रिटेलर उपभोगताओं के लिए वस्तुओं को खरीदना आसान बनाता है अर्थात
उपभोक्ता वस्तुओं तक आसानी से पहुँच जाता है।
Importance
of Retail Operation (स्टोर संचालन का महत्व)
रिटेल ऑपरेशन्स का
महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योकि एक रिटेलर इससे यह सुनिश्चित करता है कि उसका स्टोर
अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इसका सीधा-२ अर्थ होता है ऐसे स्टोर के संचालन में सभी
प्रकार की गतिविधियों को अच्छे से किया जा रहा है अर्थात स्टोर का संचालन करने में
उपयुक्त साधनो का अधिकतम प्रयोग करने के साथ-२ बाजार की परवर्ती और नई-२ तकनीकों को
भी ध्यान मे रखा जा रहा है। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो इसका मतलब है कि ऐसे स्टोर का
संचालन सही से नहीं किया जा रहा।
रिटेल ऑपरेशन्स के
अंतर्गत निम्न क्रियाएँ शामिल होती हैं :-
- Filling up shelves (शेल्वस को भरना या वस्तुएँ रखना)
:- रिटेल ऑपरेशन्स का सबसे महत्वपूर्ण कार्य शेल्वस को भरना है. जिससे ग्राहक
वस्तुओं की पूरी रेंज और वेराइटी देख सकें, जो स्टोर में उपलब्ध है.
- Position the stock as per instrustions (वस्तुओं को निर्देशानुसार
रखना) :- वस्तुओं को शेल्वस
में उच्च प्रबंधकों द्वारा दिए गये निर्देशानुसार रखा जाता है.
- Safe handling of products (वस्तुओं का सुरक्षित तरीके से रख रखाव
) :- रिटेल ऑपरेशन्स के अंतर्गत वस्तुओं का सुरक्षित रख रखाव किया जाता है.
- Protect from Damage ( खराब होने से बचना) :- रिटेल मे वस्तुओं
और उपकरणों को इस प्रकार से संभाल कर रखा जाता है ताकि प्रयोग के बाद वे खराब
ना हो.
इन सभी क्रियाओं से
एक रिटेल स्टोर अच्छे तरीके से और आसानी से संचालित होता है.
Instructions
for position stock (स्टॉक को रखने के लिए निर्देश)
स्टोर
ऑपरेशन्स असिस्टेंट को स्टॉक रखने समय निम्न दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए :-
⮚
कोन सा प्रॉडक्ट या वस्तु रैक के सामने रखा जाएगा और कौन
सा पीछे.
⮚
कोन सा gondola (गोंडोला) किस जगह पर रखा जाएगा.
⮚
कोन सा रैक किस प्रॉडक्ट के लिए प्रयोग किया जाएगा और रैक
को चुनते समय वस्तुओं की प्रकृति को ध्यान मे रखा जाएगा.
इसके अतिरिक्त
निम्न दिशा निर्देशों का पालन किया जाता है.
(1)
जो वस्तुएं लोकप्रिय (popular) है अथवा जिनकी डिमांड ग्राहकों
के द्वारा ज्यादा की जाती है उनको हमेशा अपने सामने और स्टोर के नजदीक रखना चाहिए ताकि
ग्राहकों को सामान देने में देरी ना हो।
(2)
भारी सामान (heavy goods) को हमेशा फर्श के नजदीक रखना चाहिए
अर्थात ऊँचे स्थान पर नहीं रखना चाहिए और हल्के सामान (light goods) को फर्श से दूर
अर्थात ऊँचे स्थान पर जहां से उसको उतारने में कोई परेशानी ना हो वहां पर रखना चाहिए।
(3)
स्टोर में जहां वस्तुओं को रखा जाता है वहां पर एक सिस्टम
स्थापित करना चाहिए जिससे आसानी से पता चल जाये कौन-सी वस्तु कहाँ पर रखी है।
(4)
वस्तुओं को उनके अनुसार तापमान में रखना चाहिए अर्थात जिन
वस्तुओं को कम तापमान की जरूरत होती है उसे कम तापमान पर और जिन वस्तुओं को ज्यादा
अथवा नार्मल तापमान में रखने की जरूरत होती उनको ज्यादा अथवा नार्मल तापमान में रखना
चहिये।
(5)
स्टोर में उपयुक्त रोशनी का प्रबंध होना चाहिए जिससे वहां
पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को कार्य करने में कोई परेशानी ना हो और इसके साथ-२
ग्राहक भी वस्तुओं को आसानी से देख ले।
Safe Handling of Products While Keeping in Shelves (शेल्व्ज़ में रखने के
दौरान वस्तुओं का सुरक्षित रख-रखाव)
अर्थात
शेल्व्ज़ में वस्तुओं को रखने के दौरान
वस्तुओं का सुरक्षित रख-रखाव कैसे किया जाता है?
जब वस्तुएँ
ज़्यादा मात्रा मे तथा बड़े पॅकेजस मे प्राप्त होती हैं तो उन्हे अधिक सावधानी से रखने
की ज़रूरत होती है. वस्तुओं की हैंडलिंग प्रक्रिया मे Moving(ले जाना), Packing(पैक
करना) & Storing (स्टोर करना) शामिल होता है.
शेल्व्ज़
में वस्तुओं को रखने के दौरान वस्तुओं की सेफ हैंडलिंग के लिए निम्नलिखित बातों का
ध्यान रखना चाहिए:
(1) पुरे भंडारण क्षेत्र (storage area) के अंदर तापमान
(temperature) को नियंत्रित (control) करना।
(2) स्टोर करने से पहले वस्तुओं की expiry date को चेक
करना।
(3) यह सुनिश्चित करना की भंडारण क्षेत्र (storage
area) साफ (clean ) है।
(4) यदि भंडारण क्षेत्र (storage area) पूरा भरा हुआ है और उसमे से हवा भी ठीक से प्रसारित नहीं होती
तो उसमे और वस्तुओं को स्टोर नहीं करना चाहिए।
(5) सामान
को उठाते समय उचित उपकरणों का प्रयोग करे।
(6) सामान को उठाते (lifting goods) समय उचित space और
light की व्यवस्था होनी चाहिए।
(7) वस्तुओं
के उचित रख रखाव के दौरान Materials handling cost (सामग्री रख-रखाव की लागत) कम से कम होनी चाहिए।
(8) निर्माण
समय (manufacturing time) को कम (reduce)करना।
(9) वस्तुओं
को इस प्रकार से स्टोर करे जिससे की वस्तुओं के प्रवाह (flow of goods) को अच्छे से
नियंत्रित किया जा सके।
(10)
वस्तुओं के प्रवाह (flow of goods) और कार्य के दौरान सुरक्षा
में सुधार करना।
(11)
वस्तुओं की रिजेकशन रेशियो कम करना और वस्तुओं को खराब होने
से बचाना.
Material Handling Activities
मेटीरियल हैंडलिंग का मुख्य उद्देश्य एक स्टोर मे ग्राहको की आवश्यकतानुसार
आने वाले (प्राप्त होने वाले) स्टॉक को ग्राहकों की आवश्यकतानुसार छान्ट्ना है.
सामग्री हैंडलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे वस्तु को किसी भी रूप में
ले जाना, पैक करना और भंडारित (Store) करना शामिल है.
- Receiving (प्राप्त करना) :-
जब सामान स्टोर में फुँचता है तो इसे Receiving Assistant (प्राप्ति सहायक) द्वारा
प्राप्त किया जाता है. रिसीविंग असिस्टेंट की यह मुख्य ज़िम्मेवारी होती है कि
वह ट्रक या ट्रांसपोर्ट वाहन से सामान को उतरवाए. समान उतारने का कार्य अधिकतर
हाथो से उचित उपकरणों द्वारा किया जाता है.
- In store handling ( स्टोर के अंदर
सामान को संभालना) :- सामान को प्राप्त करने के बाद इसे स्टोर मे उपयुक्त
स्थान पर शेल्व्स मे या अन्य जगह पर रखा जाता है. यह कार्य प्रशिक्षित कर्मचारियों
द्वारा उचित उपकरणों के माध्यम से किया जाता है. जैसे- क्रेन्स, मूविंग ट्रक,
पैलेट जैक, फोर्क लिफ्ट etc.
- Shipping (शिप्पिंग) :-
यह मेटीरियल हैंडलिंग का आख़िरी कार्य है. इसमे वस्तुओं को कस्टमर के ऑर्डर के
अनुसार चेक करके उसे ट्रांसपोर्ट वाहन में लोड करवाया जाता है.
जब ग्राहक
स्टोर में आता है और वस्तुओं का ऑर्डर देता है तो स्टोर ऑपरेशन्स असिस्टेंट सावधानीपूर्वक
उस लिस्ट के अनुसार सामान को पैक करके कस्टमर को डिलीवरी देता है. अगर ऑर्डर होम डिलीवरी
का है तो S.O.A. की ज़िम्मेवारी और भी बढ़ जाती है. सामान को उचित प्रकार से पैक करके
ट्रांसपोर्ट वाहन मे SHIP किया जाता है
Ways to protect from damages while
keeping in shelves (शेल्व्ज़ में रखते समय होने वाले नुकसान से बचने के तरीके)
अथवा
वस्तुओं को शेल्व्ज़ में रखते समय होने वाले नुकशान से कैसे बचा जा सकता है?
(1). वस्तुओं
को शेल्व्ज़ (अलमारी) में रखने से पहले किस पैलेट (pallet) पर रखना है इसकी जानकारी
होनी चाहिए।
(2). वस्तुओं
को सही तरिके से पैक करे और सही पैलेट (pallet) पर सही तरिके से रखे।
(3). भारी
सामान (heavy goods) को हमेशा फर्श के नजदीक रखना चाहिए अर्थात ऊँचे स्थान पर नहीं
रखना चाहिए और हल्के सामान (light goods) को फर्श से दूर अर्थात ऊँचे स्थान पर जहां
से उसको उतारने में कोई परेशानी ना हो वहां पर रखना चाहिए।
(4). भारी
वस्तुओं (heavy goods) को सीधे खड़े-२ उठाने की कोशिश ना करे थोड़ा निचे झुके और सामान
को अपनी छाती के नजदीक से चिपकाकर उठाये।
(5). भारी
वस्तुओं को उठाते समय आप अपने सहयोगी अथवा उचित उपकरण की सहायता ले सकते है।
(6). शेल्व्ज़
में वस्तुओं को रखने से पहले सुनिश्चित कर ले की वह पूरी तरह से साफ़ (clean) है।
(7). शेल्व्ज़
में लिमिट से ज्यादा वस्तुओं को रखने से बचे।
(8). सुरक्षा
उपकरणों (safety equipments ) का प्रयोग करे।
(9). वस्तुओं
की आवश्यकता के अनुसार तापमान (temperature) को नियंत्रित (control) करे।
(10) किसी
प्रोडक्ट (वस्तु) की packing अथवा seal खुली हुई तो नहीं यह सुनिश्चित करे।
Cleaning of work area after fill shelves (शेल्व्ज़ भरने के बाद कार्यक्षेत्र
की सफाई करना।)
अथवा
शेल्व्ज़ में सामान रखने बाद कार्यक्षेत्र की सफाई कैसे करोगे?
Cleaning (सफाई) :- सफाई एक ऐसी प्रक्रिया होती है
जिसमे धूल-मिट्टी तथा अवांछित पदार्थों को फर्श, शेल्व्स या स्टोर में से हटाया जाता
है. एक रिटेल स्टोर को और शेल्व्स में रखी वस्तुओं को सॉफ और धूल रहित करना चाहिए.
इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है :-
(1). स्टोर में बिखरे हुए सामान को सुव्यवस्थित तरीके से
रखेँ।
(2). टूटे-फूटे सामान यदि उसको रीसायकल (recycle) कर सकते है तो रीसायकल bin में नहीं तो उनके अनुसार बने
हुए स्क्रैप बिन (scrap bin) में रखेँ। जैसे - कार्टून बॉक्स को अलग bin में रखे और
नुकीले सामान को अलग bin में रखेँ।
(3). कोई सतह पर कोई भी तरल पदार्थ (liquid material) जैसे
oil, chemical अथवा ग्रीस बिखरा हुआ है, उसे डिटर्जेंट पाउडर अथवा उपयुक्त केमिकल से
साफ़ करे।
(4). उपयोग में लाये गए उपकरणों को उनकी सफाई के बाद उनके
उचित स्थान पर रखेँ।
(5). फर्श पर झाड़ू (sweeping) और पोछा (mopping) लगवाएँ।
(6). धूल मिटटी को dust bin में डालें।
(7). बैक्टीरिया (bacteria) को कीटाणुनाशक
(disinfectant) अथवा ऊष्मा (heat) से मारे।
(8). रास्तों / गलियारों (Walkways/aisles) में आने जाने
में रुकावट को दूर करे और उसकी उचित सफाई करे।
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