GREAT INNOVATIVE TEACHING AIDS BY Ms RAVITA NAAGWANSHI M.P./शिक्षा में नवाचार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी


इनोवेशन अर्थात नवाचार की कड़ी में आईये एक कदम आगे ले चलते हैं आज के इस लेख में हमारे साथ है श्रीमती रविता नागवंशी जो मध्य प्रदेश में जबलपुर जिले में राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान अध्यापिका हैं| यदि हमें उन पर लेख लिखने के प्रेरणा मिली तो जाहिर सी बात है कि ये बेहद ही रचनात्मक स्वभाव की अध्यापिका होंगी|





आईये इनका परिचय करते हैं –

परिचय :- इन्होंने 2006 में शासकीय प्राथमिक विद्यालय में संविदा शिक्षक के रूप में अध्यापन में कदम रखा | आजकल ये राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय शहपुरा जबलपुर में मध्य प्रदेश में ही कार्यरत हैं|




योग्यता :- योग्यता की बात करें तो इन्होंने बी.एस.सी बायोलोजी, एम.एस.सी रसायन शास्त्र, राजनीति एवं इतिहास में एम्.ए., बी.एड. किया हुआ है| ऐसे योग्य शिक्षक में रचनात्मकता को जोड़ दिया जाए वह समाज में कितना हितकर हो सकता है ये तो आप समझ सकते हैं| इनकी रचनात्मकता के होते हुए आज हम उनसे रूबरू हो पा रहे हैं|





इनके अध्यापन के बारे में विचार इन्हीं के शब्दों में

नवाचार क्या है – शिक्षक ही नहीं अपितु किसी भी क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति के द्वारा अपने कार्यों की उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किए गए नवीन परिवर्तनों को नवाचार कहते हैं|






नवाचार की आवश्यकता :- शिक्षण क्षेत्र में अक्सर देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक स्थिति से कमजोर बच्चे ही सरकारी शालाओं में पढ़ने आते हैं जिसके कारण इन बच्चों में कई तरह की समस्याएं देखी जाती हैं जैसे
  1. समय पर शाला में न आना |
  2. नियमित रूप से शाला में न आना|
  3. छोटे बच्चों की देख-रेख करना एवं साथ में लाना |
  4. आर्थिक कमजोरी के कारण कलम, कॉपी, बस्ता एवं अन्य पाठ्य सामग्री लेने में असमर्थ होना |
  5. खान-पान ठीक न होने से कुपोषित होना एवं मानसिक और बौद्धिक विकास न होना |
  6. बार-बार पलायन करना |
  7. मजदूर वर्ग के बच्चों का घर पर उचित संवाद न हो पाने के कारण शाला में हर समय   प्रस्तुति में संकोच होना
  8. परिजनों का कम पढ़े लिखे या अनपढ़ होने के कारण शाला समय के उपरांत कोई भी   सहयोग न कर पाना |
  9. बच्चों को अपने साथ अपने रोजगार पर सहायता के लिए और थोड़ी और अधिक आमदन  के उद्देश्य के लिए साथ में ले जाना|



उपरोक्त सभी कारणों के कारण बच्चे के अधिगम में कौशल का विकास नहीं हो पाता है| अत: बच्चों को कम समय में उनकी बौद्धिक क्षमता के अनुसार एवं आवश्यकतानुसार नवाचार के माध्यम से ही शिक्षा का बोध कराया जा सकता है एवं बेहतर परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं|







अब तक किये नवाचार :- यह बता पाना सम्भव ही नहीं है कि अब तक कितने नवाचार कर पायी हूँ और कौन-कौन से नवाचार कब-कब किए हैं | क्योंकि मैं हमेशा बच्चों की बौद्धिक क्षमता को देखकर हर बार नए तरीके से खोज कर ही समझाती हूँ और इन नवाचारों में हर बार बनाने का तरीका नया होता है | मैं अपने नवाचार में अनुपयोगी वस्तुओं, आस-पास की वस्तुओं को जो शून्य निवेश की हो, को प्रयोग में लाती हूँ जिससे इन वस्तुओं का पुनः चक्रण भी किया जा सके एवं साथ ही साथ शैक्षणिक सुंदर गुणवत्तापूर्ण नवाचार का माध्यम बनाया जा सके | मेरे नवाचार में पेंटिंग, कविता, गीत, लेखन, बुनाई, कढ़ाई, रंगोली, क्राफ्ट इत्यादि कलाएं शामिल होती हैं|


इनके विचार से शिक्षा कैसी हो :- मैं ऐसी शिक्षा चाहती हूँ जिसमें प्रत्येक बच्चा दक्षतापूर्ण हो| शिक्षा शून्य निवेश में एवं खेल-खेल में विभिन्न कलाओं के माध्यम से आसान हो| इससे बच्चे आसानी से सीख सकेंगे एवं पूरी उम्र बेसिक शिक्षा को याद रखेंगे जिससे आगामी पाठ्यक्रम भी उनके लिए सुगम होता चला जायेगा| मैं चाहती हूँ पढ़ाई एवं इसमें छिपे तथ्यों को रट कर नहीं बल्कि समझ विकसित करके की जाए|


                                           

विनम्र आग्रह :- मैं किसी सम्मान या अवार्ड की अभिलाषी नहीं हूँ जिस दिन प्रत्येक बच्चा दक्षतापूर्वक उपलब्धि हासिल करेगा| वह दिन सम्मान वाला और अवार्ड होगा| उस दिन गर्व से कह सकूंगी कि मैं एक शिक्षक हूँ और अंत में विनम्र आग्रह विद्यार्थियों से कि वे नियमित रूप से वर्दी में शाला में आएं एवं रुचिकर पढ़ाई करें | एक निवेदन परिजनों से कि वे अपने बच्चों को बिना कारण शाला आने से न रोकें एवं स्कूल के साथ -साथ घर पर भी पढ़ने हेतु कहें| समय-समय पर स्वयं शाला आकर बच्चों की उपलब्धियों के बारे में शिक्षकों से चर्चा करें| जितना हो सके उतना उनका सहयोग करें| 

एक निवेदन शिक्षा व्यवस्था एवं सरकार से है कि वे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए केवल बच्चों की नजर से नहीं बल्कि शिक्षक की नजर से भी समस्याओं को देखें और शिक्षकों की भी सुनें| उन पर अतिरिक्त कार्यों का बोझ कम करें जिससे वे अधिक से अधिक नवाचार कर शिक्षा को रोचक बना कर हर वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा से दिल से जोड़ सकें| ”

ये थे रविता जी के प्रेरक एवं ज्ञानवर्धक विचार| आईये अब नजर डालते हैं इनके द्वारा बनाए गये नवाचार पर आप वास्तव में उन्हें देखकर अचंभित हो जाएंगे|


नीचे दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं खाद्य श्रृंखला को प्रैक्टिकल रूप से बच्चा अच्छे से समझ सकता है।


नीचे चित्र में सूझ बूझ से चित्रों से पहचान कर मिलान करना तर्क शक्ति को बढ़ाने में सहयोगी है।


गतिविधि द्वारा हिसाब किताब का तजुर्बा सीखना। 

स्ट्रांग इंग्लिश बिल्डिंग के लिए नीचे दिए गए टी. एल.एम की अत्यंत आवश्यकता है।

नीचे देखिये नाइट्रोजन चक्र की लाजवाब पेशकश





नीचे दिए चित्र में आप उपसर्ग संबंधी टी.एल.एम देख पा रहे हैं।



नीचे दिए चित्र में आप वर्ड बनाने के टी.एल.एम. देख पा रहे हैं।



ये स्पेलिंग डिक्टेशन क्यूब बनाया गया है।


गतिविधि के द्वारा पठन पाठन करवाया जा रहा है ।



इस गतिविधि द्वारा समय पहचान कर बताना सीखाया गया है ।



और भी बहुत से टी.एल.एम. इन्होंने बनाये हैं, अगर आप पाना चाहते हैं तो इस पोस्ट पर कमेंट कर अपनी ईमेल आई. डी. दें आपको ईमेल के माध्यम से उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा।




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