These notes are prepared by Krishan Malik Vocational Teacher Automobile Haryana and uploaded by Parikshit.
Q.21. When
tyre balancing is needed and what are the advantages ?
Ans.
(1). Need/Requirement
(2).When a tire is
replaced or repaired
(3).When a balance weight
is moved or falls off
(4).When new tires are
purchased
Advantage:-
(i). By wheel balancing
vibration and wobbling are eliminated.
(ii). It improves tyre
wear.
(iii). It increase fuel
mileage
(iv). It improves
steering experience.
प्रश्न 21. टायर बैलेंसिंग की कब जरूरत होती हैं
और इसके क्या फायदे हैं ?
उतर:-
(1). जरूरत
(2). जब एक टायर को बदला या रिपेयर किया जाता है |
(3). जब एक बैलेंस वेट अपनी स्थान से सरल जाए या गिर जाए |
(4). जब नए टायर खरीदे जाएं |
एडवांटेज(लाभ/फायदे):-
(i). व्हील बैलेंसिंग से कंपन और वोब्ब्लिंग कम हो जाता हैं |
(ii). यह टायर घिसावट को सुधारती हैं |
(iii). इसे इंधन माइलेज बढ़ जाती हैं |
(iv). इसे स्टीयरिंग अनुभव सुधरता हैं|
Ques 22. What
are the type of tyre balancing ?
Ans. (i). Static balancing
(ii). Dynamic balancing
(i). Static
balancing:- It is done by
tyre manufacturer. Manufacturer measure static balance by the use of sensor
mounted to the spindle assembly.
(ii). Dynamic
balancing:- Dynamic balance is checked and measured by
mounting tyre on a test wheel and then measuring the forces of imbalance as the
tyre rotater. Now a days computerized wheel balancers are used which not only
determine the location of imbalance but also point out the exact amount of
counter weight.
प्रश्न 22. टायर बैलेंसिंग के प्रकार क्या हैं ?
उतर:- (i). स्टैटिक बैलेंसिंग/स्थिर संतुलन
(ii). डायनैमिक बैलेंसिंग/ गतिक
संतुलन
(i). स्टैटिक बैलेंसिंग:- यह टायर निर्माता द्वारा
की जाती है | निर्माता स्पींडल असैंम्बली पर फिट किए सेंसर की सहायता से स्थिर
संतुलन को मापता हैं |
(ii). डायनैमिक बैलेंसिंग:- गतिक संतुलन को टैस्ट
व्हील पर टायर को फिट करके जांचा एवं मापा जाता है और जैसे ही टायर घूमता है,
अंसतुलित करने वाले बलों को माप लिया जाता है | आजकल कम्पयूटरीकृत व्हील बैलेंसर
का प्रयोग होता है जो कि, केवल असंतुलन के स्थान का ही पता नहीं लगाते बल्कि उसके
लिए सही प्रतितोलक भार को भी प्रदर्शित करते हैं |
Ques 23. What
is the procedure of wheel balancing in wheel balancer machine ?
Ans. (i). First of all
clean and wash the tyre to make it dirt and dust free
(ii). Now turn on the
balancer and mount the tyre in a balancer
(iii). Enter the wheel
dimension and width
(iv). Lower the hood to
spin the wheels for observing balance by balancer
(v). Raise the hood after
tyre stop rotating
(vi). Now note when the
inboard centre bar blinks and then attach inboard correct.
(vii). Press next which
rotates the wheel and then note outboard bar blinks.
(viii). Attach outboard
corrective weight
(ix). Now lower the hood
to respin and check balance.
प्रश्न 23. व्हील बैलेसिंग की बलंसर मशीन पर
बैलेंस (संतुलित) करने की कया विघि है ?
उतर:- (i). सबसे पहले टायर को
धूलमिटटी मुक्त करने के लिए उसे साफ करें और घोएं |
(ii). अब बैलेंसर को चालू करें और टायर को बैलेंसर पर फिट करें |
(iii). व्हील की भुजाएं और चौड़ाई को दर्ज करें |
(iv). अब हुइ को बैलेंसर दवारा पहिये के बैलेस की जांच के लिए धुमाने के लिए
नीचे करें |
(v). टायर के घूमने रुकने के बाद हुड़ को उठाएं |
(vi). अब जब इनबोर्ई की सेंटर बार बलिंक करें, तो उचित भार लगा दें |
(vii). फिर अगले के लिए बटन दबाएं जो कि पहिये को घुमाएगा और तब आउटबोर्ड बार
चमकेगी |
(vii). आउटबोर्ड का उचित भार लगाएं |
(ix). अब हुड को नीचे करके फिर से घुमाएं और बैलेंस संतुलन की जांच करें |
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